गरुड़ पुराण एक महापुराण है. ये पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में शामिल है. गरुड़ पुराण जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पक्षी राज गरुड़ के संवाद पर आधारित है. गरुड़ पुराण में विस्तार से जीवन, मृत्यु, आत्मा की यात्रा, पाप, पुण्य, स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को नरक में यातनाएं भोगनी पड़ती हैं.
वहीं जिसने जीवन भर अच्छा आचरण दिखाया हो और पाप कर्म न किए हों, उस व्यक्ति की आत्मा मृत्यु के बाद स्वर्ग जाती है. गरुड़ पुराण में 36 तरह के नरक के बारे में बताया गया है. व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को अलग-अलग नरक से होकर गुजरना पड़ता है. आज हम जानते हैं कि जो लोग जीव हत्या करते हैं, उनकी आत्मा को किस नरक में भेजा जाता है और क्या सजा दी जाती है?
कुंभीपाक नरक में दी जाती है सजा
कुंभीपाक नरक, इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा को बर्तन में खौलते हुए तेल में डालकर तला जाता है, जिससे आत्मा को असहनीय पीड़ा होती है. कुंभीपाक नरक में उस व्यक्ति की आत्मा को भेजा जाता है, जिसने अपने जीवन काल में अपने स्वार्थ के लिए किसी जीव की हत्या की होती है.
बड़े-बुजुर्गों के अपमान की दी जाती है ये सजा
कालासुत्रम नरक में ऐसे लोगों की आत्मा को सजा दी जाती है, जो अपने जीवन काल में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते और अपमान करते रहते हैं. इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा को आग में झोंक दिया जाता है. यही नहीं इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा के साथ बार-बार ये प्रक्रिया दोहराई जाती है.